बच्चे मन के सच्चे होते हैं इसलिए मैं यहाँ उनके लिए ऐसी कहानियों (Hindi Story for Kids) का खजाना लेकर आया हूँ कि इन्हें पढ़ने के बाद बच्चे ख़ुशी से झूम उठेंगे।
01. जंगल का सबसे बहादुर बंदर | Hindi Story for Kids
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में मोती नाम का एक नटखट बंदर रहता था। वह बहुत तेज और चतुर था, लेकिन उसकी सबसे बड़ी खासियत थी उसकी बहादुरी।
एक दिन जंगल में हड़कंप मच गया। खबर थी कि एक बड़ा शेर जंगल के पास आया है और जानवरों का शिकार कर रहा है। सभी जानवर डर के मारे अपनी-अपनी गुफाओं और बिलों में छिप गए। मोती ने देखा कि शेर पास के गाँव से जंगल की ओर बढ़ रहा है।
मोती ने सोचा, “अगर शेर को नहीं रोका गया, तो जंगल के सभी जानवर खतरे में पड़ जाएंगे।” उसने अपनी चतुराई का इस्तेमाल करने की योजना बनाई।
मोती पास के तालाब के पास गया, जहाँ शेर अक्सर पानी पीने आता था। उसने कुछ बड़ी-बड़ी पत्थरों को तालाब के किनारे लगाया और उस पर तेज झाड़ियों को बिछा दिया। इसके बाद उसने पास के पेड़ पर छिपकर इंतजार किया।
शाम को शेर पानी पीने तालाब पर आया। जैसे ही उसने पानी में झुकने की कोशिश की, उसके पैर झाड़ियों पर पड़े और वह सीधे तालाब में गिर गया। तालाब गहरा था, और शेर को बाहर निकलने में परेशानी हो रही थी। यह देखकर जंगल के सभी जानवर इकट्ठे हो गए और मिलकर शेर को जंगल से बाहर भगा दिया।
सभी जानवर मोती की चतुराई और बहादुरी की तारीफ करने लगे। मोती ने कहा, “जब तक हम एक साथ रहेंगे, कोई भी हमें नुकसान नहीं पहुँचा सकता।”
नैतिक शिक्षा – साहस और एकता से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
02. चतुर खरगोश और भूखा भालू | Hindi Story for Kids
एक बार की बात है, एक जंगल में गुड्डू नाम का एक भूखा भालू रहता था। कई दिनों से उसे खाना नहीं मिला था। जंगल में सूखा पड़ने की वजह से सभी जानवर अपना खाना छिपाकर रखते थे।
गुड्डू ने सोचा, “अगर मैं किसी चालाक जानवर को पकड़ लूँ, तो उससे खाना छीन सकता हूँ।” उसने पास के मैदान में खरगोश को खेलते हुए देखा।
खरगोश का नाम चिंटू था। वह न केवल तेज दौड़ता था बल्कि बहुत होशियार भी था। भालू ने उसे पकड़ने की योजना बनाई और जोर से दहाड़ा, “चिंटू! तुम्हें पकड़कर मैं अपना पेट भरूँगा।”
चिंटू डरने की बजाय मुस्कुराया और बोला, “गुड्डू भालू, अगर आप सच में भूखे हैं, तो मैं आपको एक गुप्त जगह पर ले चल सकता हूँ। वहाँ ढेर सारा खाना मिलेगा।”
भालू को लगा कि चिंटू सच कह रहा है। वह उसके साथ चल दिया। चिंटू उसे एक पेड़ के नीचे ले गया, जहाँ मधुमक्खियों का बड़ा छत्ता था। उसने भालू से कहा, “इस छत्ते में शहद भरा हुआ है। आपको बस इसे तोड़ना है।”
भालू ने छत्ते पर पंजा मारा और शहद निकालने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही उसने छत्ता तोड़ा, गुस्साई मधुमक्खियों ने भालू पर हमला कर दिया। भालू दर्द से कराहता हुआ भागा और नदी में जाकर कूद गया।
चिंटू यह देखकर हँसने लगा और बोला, “लालच और बेवकूफी का यही अंजाम होता है।” भालू को अपनी गलती समझ में आ गई और उसने कभी किसी छोटे जानवर को तंग न करने का वादा किया।
नैतिक शिक्षा – लालच और मूर्खता से बचें। हमेशा अपने दिमाग का इस्तेमाल करें।
03. हाथी और चालाक लोमड़ी | Hindi Story for Kids
एक समय की बात है, जंगल में एक बड़ा हाथी रहता था जिसका नाम गजराज था। गजराज का स्वभाव बहुत गुस्सैल था। वह छोटे जानवरों को डराता और उनका खाना छीन लेता। सभी जानवर उससे परेशान थे।
एक दिन एक चालाक लोमड़ी जिसका नाम चीकू था, गजराज को सबक सिखाने की सोचने लगा। उसने गजराज को चुनौती दी, “गजराज, तुम बड़े और ताकतवर हो, लेकिन मैं तुमसे ज्यादा चतुर हूँ। अगर तुममें हिम्मत है, तो मेरी चुनौती स्वीकार करो।”
गजराज ने हंसते हुए कहा, “चीकू, मैं तुम्हारी चुनौती जरूर स्वीकार करूंगा। बताओ, क्या करना है?”
चीकू ने कहा, “पास की पहाड़ी के पीछे एक विशालकाय जानवर रहता है। अगर तुम उससे लड़कर उसे हराओगे, तो मैं मान लूंगा कि तुम सबसे ताकतवर हो।”
गजराज तुरंत तैयार हो गया और चीकू के साथ पहाड़ी के पास पहुंचा। वहां चीकू ने गजराज को एक गहरी खाई के पास ले जाकर कहा, “यह वही विशाल जानवर है। नीचे झांककर देखो।”
गजराज ने जैसे ही नीचे झांका, उसे खाई के पानी में अपनी ही परछाई दिखाई दी। उसने सोचा कि यह वही जानवर है। गुस्से में गजराज ने खाई में कूदकर हमला किया और उसमें गिर गया। खाई से बाहर निकलने में गजराज को बहुत मेहनत करनी पड़ी।
गजराज को समझ में आ गया कि चीकू ने उसकी ताकत नहीं, बल्कि चतुराई से उसे मात दी। उसने छोटे जानवरों को परेशान करना बंद कर दिया।
नैतिक शिक्षा – सिर्फ ताकत ही नहीं, चतुराई भी बहुत जरूरी है।
04. खरगोश की मीठी दोस्ती | Hindi Story for Kids
एक हरा-भरा जंगल था जिसमें गोलू नाम का एक प्यारा खरगोश रहता था। गोलू की सबसे अच्छी दोस्त एक चिड़िया थी जिसका नाम गुड्डी था। दोनों हमेशा साथ खेलते और मस्ती करते थे।
एक दिन, जंगल में एक बड़ी समस्या आई। एक लकड़हारा जंगल में पेड़ काटने आया और उसने गुड्डी का घोंसला गिरा दिया। गुड्डी बहुत परेशान थी क्योंकि उसका घर टूट गया था।
गोलू ने गुड्डी से कहा, “तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हारे लिए कुछ करूँगा।” गोलू ने अपने दोस्तों, कछुए, बंदर, और हिरण से मदद मांगी। सभी ने मिलकर जंगल में लकड़हारे को रोकने की योजना बनाई।
गोलू और कछुआ लकड़हारे के औजार छुपा दिए। बंदर ने पेड़ों से लकड़हारे पर पत्ते गिराए, और हिरण ने लकड़हारे को गहरी झाड़ी की ओर दौड़ा दिया। लकड़हारा डरकर जंगल छोड़कर भाग गया।
इसके बाद, गोलू और उसके दोस्तों ने गुड्डी के लिए एक नया और मजबूत घोंसला बनाया। गुड्डी ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा, “सच्चे दोस्त वही हैं जो मुसीबत में साथ खड़े रहते हैं।”
नैतिक शिक्षा – सच्ची दोस्ती से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।
05. चतुर कछुआ और भूखा सियार | Hindi Story for Kids
किसी जंगल में एक तालाब था, जहाँ मोती नाम का एक कछुआ रहता था। मोती शांत स्वभाव का था और तालाब के किनारे मजे से अपना जीवन बिताता था। एक दिन, जंगल में एक सियार आया। वह बहुत भूखा था और खाने की तलाश में भटक रहा था।
सियार ने तालाब के पास कछुए को देखा और सोचा, “यह कछुआ मेरा पेट भर सकता है।” सियार ने चालाकी से कहा, “अरे कछुए भाई! तुम तो बहुत छोटे हो। अगर मैं तुम्हें खाऊंगा, तो मेरा पेट भी नहीं भरेगा। क्यों न तुम मुझे अपने बड़े दोस्तों से मिलवाओ?”
मोती समझ गया कि सियार उसे धोखा देना चाहता है। उसने जवाब दिया, “ठीक है, मेरे दोस्त बहुत बड़े और ताकतवर हैं। लेकिन अगर तुम मुझसे लड़कर जीतोगे, तो मैं तुम्हें उनसे मिलवा दूंगा।”
सियार ने तुरंत कछुए की चुनौती स्वीकार कर ली। मोती ने कहा, “तुम्हें मुझे तालाब से बाहर खींचना होगा। अगर तुम ऐसा कर पाओगे, तो मैं हार मान लूंगा।”
सियार ने पूरी ताकत लगाकर कछुए को खींचने की कोशिश की, लेकिन कछुए ने अपनी टांगें और सिर अपने कठोर खोल के अंदर छिपा लिया। सियार चाहे जितनी कोशिश करता, कछुआ हिलता भी नहीं था।
थककर सियार ने हार मान ली और जंगल से भाग गया। मोती ने अपनी चतुराई से न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि सियार को सबक भी सिखाया।
नैतिक शिक्षा – मुसीबत में दिमाग का इस्तेमाल करना सबसे बड़ी ताकत है।
06. जंगल की अनोखी दोस्ती | Hindi Story for Kids
बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। उस जंगल में एक छोटा खरगोश, जिसका नाम “चिंटू” था, और एक बड़ा हाथी, जिसका नाम “मोती” था, रहते थे।
दोनों का स्वभाव बिल्कुल अलग था। चिंटू तेज और शरारती था, जबकि मोती शांत और समझदार।
चिंटू हमेशा उछल-कूद में मस्त रहता था, लेकिन हाल ही में उसे एक बड़ी समस्या हो गई थी। जंगल के पास एक नया तालाब बना था, जहां मगरमच्छ रहते थे। चिंटू को वहां पानी पीने जाने से डर लगता था।
एक दिन चिंटू ने सोचा, “अगर मैं मोती से मदद मांगू, तो शायद मेरा डर खत्म हो जाए।”
चिंटू ने मोती के पास जाकर कहा, “मोती भैया, क्या आप मेरे साथ तालाब चलेंगे? मुझे मगरमच्छों से डर लगता है।”
मोती मुस्कुराए और बोले, “डरो मत, मैं तुम्हारे साथ चलूंगा। हम साथ हैं, तो कोई तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा।”
अगली सुबह, मोती और चिंटू तालाब की ओर गए। तालाब के पास पहुंचते ही एक बड़ा मगरमच्छ दिखा। मगरमच्छ ने सोचा कि चिंटू उसका आसान शिकार हो सकता है।
वह धीरे-धीरे पानी से बाहर आने लगा लेकिन जैसे ही उसने मोती को देखा, वह डरकर वापस पानी में चला गया। मोती की विशालकाय कद-काठी से मगरमच्छ घबरा गया था।
चिंटू ने पानी पीकर मोती का धन्यवाद किया। उसने कहा, “मोती भैया, आपने मुझे बहुत बड़ी मुसीबत से बचा लिया।
अब मैं समझ गया हूं कि डर को अकेले नहीं, बल्कि दोस्तों के साथ दूर करना चाहिए।”
मोती मुस्कुराते हुए बोले, “सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे की मदद करते हैं।”
उस दिन के बाद चिंटू और मोती की दोस्ती पूरे जंगल में मशहूर हो गई। सभी जानवर उनसे सीखने लगे कि एकता में कितनी ताकत होती है।
नैतिक शिक्षा – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा दोस्त मुश्किल समय में हमेशा साथ खड़ा होता है और मिल-जुलकर हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
07. तोता और भालू की अनोखी दोस्ती | Hindi Story for Kids
एक हरे-भरे जंगल में मिंकी नाम का एक तोता रहता था। वह अपनी मीठी आवाज और तेज बुद्धि के लिए मशहूर था। उसी जंगल में बलराम नाम का एक बड़ा भालू भी रहता था। बलराम स्वभाव से थोड़ा आलसी और खाने का बहुत शौकीन था।
एक दिन, बलराम ने मिंकी से कहा, “मिंकी, मैं दिनभर खाने की तलाश करते-करते थक जाता हूँ। क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?”
मिंकी ने सोचा और कहा, “ठीक है, मैं तुम्हारी मदद करूंगा, लेकिन तुम्हें मेरी बात माननी होगी।” बलराम तुरंत मान गया।
मिंकी ने बलराम को पास के खेत में ले जाकर कहा, “यहाँ बहुत सारी गाजर और मूली हैं। अगर तुम थोड़ी मेहनत करोगे और इन्हें खुद खोदोगे, तो तुम्हें हर दिन ताजा खाना मिलेगा।”
बलराम को यह काम मुश्किल लगा, लेकिन उसने कोशिश की। पहले दिन उसे बहुत थकान हुई, लेकिन धीरे-धीरे वह मेहनत करने में मजा लेने लगा। मिंकी उसे हर दिन खेत तक ले जाता और गाते-गाते उसका उत्साह बढ़ाता।
कुछ ही दिनों में, बलराम आलसी से मेहनती बन गया। उसने मिंकी को धन्यवाद दिया और कहा, “तुमने मुझे सिखाया कि मेहनत से हर चीज पाई जा सकती है।”
नैतिक शिक्षा – मेहनत से हीं सफलता और संतोष मिलता है।
08. चालाक हिरण और शिकारी | Hindi Story for Kids
जंगल के किनारे एक छोटा सा हिरण, जिसका नाम चिंपू था, अपने परिवार के साथ रहता था। चिंपू छोटा और मासूम था, लेकिन बहुत तेज दौड़ सकता था।
एक दिन, जंगल में एक शिकारी आया। उसने चिंपू को देखकर सोचा, “यह हिरण मेरा शिकार बनेगा।” शिकारी ने जाल लगाया और छिपकर इंतजार करने लगा।
चिंपू ने जाल को देखा और समझ गया कि यह कोई खतरा है। उसने शांति से अपनी माँ को बुलाया और कहा, “माँ, शिकारी ने जाल लगाया है। हमें मिलकर कुछ करना होगा।”
चिंपू और उसकी माँ ने एक योजना बनाई। चिंपू जाल के पास गया और जोर-जोर से छलांगें लगाने लगा। शिकारी को लगा कि हिरण जाल में फंस गया है। वह दौड़कर जाल के पास आया, लेकिन तभी चिंपू तेज दौड़कर दूर भाग गया।
शिकारी ने जाल को उठाकर देखा, लेकिन वह खाली था। शिकारी ने हार मान ली और जंगल छोड़ दिया। चिंपू की चतुराई ने न केवल उसकी जान बचाई, बल्कि उसके परिवार को भी सुरक्षित रखा।
नैतिक शिक्षा – सतर्कता और चतुराई से बड़े खतरे से बचा जा सकता है।
09. चतुर लोमड़ी और घमंडी बकरा | Hindi Story for Kids
एक घने जंगल में रमो नाम की लोमड़ी रहती थी। वह अपनी बुद्धिमानी के लिए मशहूर थी। उसी जंगल में एक बकरा भी रहता था जिसका नाम बिल्लू था। बिल्लू घमंडी था और खुद को सबसे होशियार समझता था।
एक दिन, जंगल में पानी की कमी हो गई। बिल्लू को एक सूखा कुआँ मिला, जिसमें थोड़ा-सा पानी था। वह खुशी से कुएँ में कूद गया और पानी पीने लगा। लेकिन जब उसे बाहर निकलना था, तो वह फंस गया।
रमो वहां से गुजर रही थी। उसने बिल्लू को कुएँ में फंसा हुआ देखा। बिल्लू ने रमो से कहा, “मुझे बाहर निकालो। तुम मेरी मदद करो, और मैं तुम्हें इसका इनाम दूंगा।”
रमो ने हंसकर कहा, “तुमने सोचा भी नहीं कि कुएँ से बाहर कैसे निकलोगे। अब मैं तुम्हें बाहर निकालने का एक तरीका बताती हूँ।”
रमो ने कुएँ में छलांग लगाई और बिल्लू से कहा, “अपनी पीठ झुका लो, ताकि मैं ऊपर चढ़ सकूं। जब मैं बाहर पहुँच जाऊंगी, तो तुम्हें भी बाहर खींच लूंगी।”
बिल्लू ने उसकी बात मानी, और रमो उसकी पीठ पर चढ़कर बाहर आ गई। लेकिन बाहर आकर रमो ने हंसते हुए कहा, “अगली बार कोई काम करने से पहले सोचना। तुमने खुद को फंसाया है, अब खुद ही बाहर निकलने का तरीका ढूंढो।”
बिल्लू को अपनी बेवकूफी का एहसास हुआ। उसने अपनी घमंड भरी आदत छोड़ दी और हर काम सोच-समझकर करने का संकल्प लिया।
नैतिक शिक्षा – बिना सोचे-समझे कदम उठाने से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
10. बुद्धिमान उल्लू और लालची गिलहरी | Hindi Story for Kids
जंगल के सबसे ऊँचे पेड़ पर एक बुद्धिमान उल्लू रहता था जिसका नाम चीकू था। वह हमेशा शांत रहता और दूसरों को अच्छी सलाह देता था। उसी जंगल में चुन्नू नाम की एक गिलहरी रहती थी, जो खाने के लिए हमेशा लालच करती थी।
एक दिन चुन्नू को जंगल में एक बड़ा-सा अखरोट का पेड़ मिला। उसने सोचा, “यह पूरा पेड़ मेरा है। मैं किसी को इस पर चढ़ने नहीं दूंगी।” उसने अखरोटों को इकट्ठा करना शुरू कर दिया और अपने बिल में भरने लगी।
चीकू उल्लू ने उसे देखा और कहा, “चुन्नू, इतना लालच मत करो। इन अखरोटों को दूसरे जानवरों के लिए भी छोड़ दो। जरूरत से ज्यादा इकट्ठा करने से नुकसान हो सकता है।”
लेकिन चुन्नू ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। उसने अखरोट इतने ज्यादा इकट्ठा कर लिए कि उसका बिल भर गया और रास्ता बंद हो गया। चुन्नू न तो अंदर जा सकती थी, न बाहर आ सकती थी।
घबराकर चुन्नू ने चीकू को मदद के लिए बुलाया। चीकू ने कहा, “मैं तुम्हारी मदद करूंगा, लेकिन पहले वादा करो कि तुम लालच नहीं करोगी।”
चुन्नू ने वादा किया, और चीकू ने बाकी अखरोटों को बाहर निकाला, जिससे उसका बिल खाली हो गया। चुन्नू ने चीकू को धन्यवाद दिया और समझा कि लालच से नुकसान होता है।
नैतिक शिक्षा – लालच करना बुरा है। जरूरत के मुताबिक ही चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।